कृषि
भूमि और मृदा :
हमीरपुर ज़िले की मिट्टी में सभी मशहूर बुंदेलखंड किस्मों, मार, कबार, पराआ और रकर शामिल हैं। मार को अक्सर काली मिट्टी कहा जाता है इसका रंग बहुत भिन्न होता है इसमें छोटे-छोटे कंकर होते हैं जो काले तथा भूरे रंग के होते है | इसकी मुख्य विशेषताओं इसकी चरम चिपचिपाहट है, जिससे यह जल्दी से सूखा जाती है और ठोस आकर में बदल जाती है। पारुआ एक हल्के रंग की रेतीली मिट्टी है, जिसे कई रूपों में पाया जाता है। यह आमतौर पर कार्बनिक पदार्थों में कम समृद्ध होता है, लेकिन इसके बेहतर बनावट से यह खाद और सिंचाई के प्रति अधिक संवेदनशील होता है। रकर मिट्टी ढलान जमीन पर पाई होती है |
भूमि उपयोग :
वर्ग | क्षेत्र (हेक्टेयर) | प्रतिशत क्षेत्र |
---|---|---|
कुल क्षेत्र | 415948 | 100 |
वन | 23520 | 5.6 |
गैर कृषि क्षेत्र | 31094 | 7.4 |
बुआई क्षेत्र | 324935 | 78.1 |
सिंचाई क्षेत्र :
केवल 27.7% जमीन हमीरपुर में सिंचित भूमि है। सिंचाई के विभिन्न स्रोतों द्वारा सिंचित भूमि के क्षेत्र का वितरण निम्नानुसार है नहर सिंचाई का मुख्य स्रोत हैं और ये यमुना, बेतवा, दशाण, बर्मा, केन, चंद्रराल और पांडवहा जैसी विभिन्न नदियों द्वारा निर्मित हैं।
स्रोत | सिंचित क्षेत्र (हेक्टेयर) | प्ररिशत क्षेत्र |
---|---|---|
नहर | 24920 | 28.7 |
नलकूप | 34049 | 39.2 |
कुएं | 22805 | 26.3 |
तालाब | 539 | 0.6 |
अन्यस्रोत | 4561 | 5.2 |
कुल | 93302 | 100.0 |
फसलें :
ज़िले में तीन मुख्य फसले हैं, शरद ऋतु या खरीफ फसलों को आमतौर पर सिहार और वसंत या रबी को उहारी फसलों के नाम से जाना जाता है । रबी की मुख्य फसलें ग्राम, गेहूं, जौ, मटर, अरहर और मसूर हैं। खरीफ की मुख्य फसलें, ज्वार, चावल, बाजरा, उरद, मूंग और मोथ हैं। तरबूज, पानी तरबूज, कड़वा गार्ड, कद्दू ज़ैद की मुख्य फसलें हैं
फसल | क्षेत्र बोया (हेक्टेयर) | प्रतिशत क्षेत्र |
---|---|---|
चना | 93974 | 26.5 |
गेहूं | 83658 | 23.6 |
मसूर | 58208 | 16.4 |
ज्वार | 36657 | 10.3 |
उरद | 23318 | 6.6 |
मटर | 19558 | 5.5 |
तिल्हान | 15657 | 4.4 |
अरहर | 12995 | 3.7 |
अन्य | 10740 | 3.0 |